About sidh kunjika
About sidh kunjika
Blog Article
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
It holds the ability to deliver enlightenment with the contrasting Strength of Shiva and Shakti and provides sufficient electricity to working experience each energies simultaneously, which, consequently, allows you comprehend your very own Electricity.
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।
Swamiji suggests, “A powerful wish is something that makes us stand up and also to the fullest capacity assert ourselves into the furtherance of the target. The main element is always to focus on the mantras.”
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
कुंजिका पाठ मात्रेण, दुर्गा पाठ more info फलं लभेत्।